यह दुनिया का अंत नही है ओर न ही कोई आदर्श लोक का आरंभ।यह एक ओर दिन है जिस दिन आप कुछ अलग कर सकारात्मक परिवर्तन कर सकते है। यह आपके पास एक ओर अवसर है जब आप जीवन को अधिक समृद्धशाली, स्नेहपूर्ण व अर्थपूर्ण बना सकते है। विचारों की हवा ,एक दिशा से दूसरी दिशा की ओर बह रही है और बार बार वापस भी आ रही है। अपनी जिम्मेदारी का ध्यान रखे,इन पलों की परिस्थितियों का ध्यान रखे,ओर आगे बढे।जो आप अभी कर सकते है, वह ही हमेशा कर सकते है।अपने सभी प्रयासों को गंभीरता के साथ करे।कई बार चुनौती अधिक होगी ,तो कई बार कम होगी,कई बार भीड़ आपके साथ होगी , कई बार आप अकेले हो, भीड़ की दिशा से अलग, अपने चुनाव की ओर जा रहे होंगे।यह कोई बात नही की आप कल के बारे में क्या सोचते है,आज ऐसी बहुत सी बात है ,जिसके आप शुक्रगुजार होंगे और आपके लिए बहुत से कार्य है।आपके पास जो भी उपलब्ध संसाधन व कार्य है उन पर अच्छे से विचार कीजिए।ओर उन्हें अच्छे उपयोग में लेने का संकल्प लीजिये उल्लास से आप कार्य तो प्रारंभ कर सकेंगे लेकिन धैर्य आपको अंत तक कार्य करने में मदद करेगा। उल्लास आपको ऊर्जावान व शक्तिशाली महसूस कराएगा, लेकिन परेशानी के पहले संकेत से ही यह कमजोर पड़ सकता है।अपने उत्साह को महसूस कर उसे बनाये रखे,ओर कार्य को पूरा करने का प्रयास करे।
: उपलब्धि हेतु किया गया कार्य कोई तड़क भड़क का कार्य नही है और हमेशा उल्लास से खत्म नही होता। उपलब्धि के सही कार्य धेर्य ओर सतत प्रयास से ही पूरे होते है
हा, आप जो कर रहे है उसके प्रति उत्साहित रहे। लेकिन उत्साह पर ही पूर्णतया निर्भर न रहे। इन पर कई घंटे, कई महीने, ओर कई साल यदि आवश्यक हुआ तो देने के लिए तत्पर रहे। कठिन, जटिल ,थका देने व निराश करने वाले कार्यों को करने के लिए तत्पर रहे और अपनी कोशिशें इनमे जारी रखे।जिस पर यदि आपका उल्लास शून्य भी हो गया तब भी आप अपना कार्य पूर्ण कर सकेंगे।क्योंकि अभी भी आपमे कुछ अलग करने की इकच्छाशक्ति व उपलब्धि हेतु पर्याप्त धैर्य बाकी है। जीवन असंख्य संभावना, जो अभी भी उपलब्ध है ,से भरा पड़ा है। जीवन को समृद्धि पूर्ण जीने के लिये, आपको सम्पूर्ण होना जरूरी नही है, मात्र ईमानदार व विस्वसनीय होने की आवश्यकता है
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