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निरपेक्ष प्रेक्षक: सच्चाई की खोज में सब कुछ देखने का नया दृष्टिकोण

निरपेक्ष प्रेक्षक: सच्चाई की खोज में सब कुछ देखने का नया दृष्टिकोण

निरपेक्ष प्रेक्षक एक ऐसी अवधारणा है जो हमें किसी भी स्थिति या घटना को बिना किसी पूर्वग्रह या पूर्वाग्रह के देखने की अनुमति देती है। यह एक ऐसा दृष्टिकोण है जो हमें सच्चाई को अधिक स्पष्ट रूप से देखने में मदद करता है और हमें बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।

निरपेक्ष प्रेक्षक होने के क्या फायदे हैं?


यह आपको अधिक सटीक जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है: जब आप किसी स्थिति को निष्पक्ष रूप से देखते हैं, तो आप सभी पक्षों को समान रूप से सुनने और समझने में सक्षम होते हैं। यह आपको अधिक सटीक जानकारी प्राप्त करने और बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है।
यह आपको अधिक खुले विचारों वाला बनाता है: जब आप किसी स्थिति को निष्पक्ष रूप से देखते हैं, तो आप अपनी मान्यताओं और पूर्वाग्रहों को चुनौती देने में सक्षम होते हैं। यह आपको अधिक खुले विचारों वाला और नए विचारों के प्रति अधिक ग्रहणशील बनाता है।
यह आपको अधिक रचनात्मक बनाता है: जब आप किसी स्थिति को निष्पक्ष रूप से देखते हैं, तो आप नए दृष्टिकोण और समाधान देखने में सक्षम होते हैं। यह आपको अधिक रचनात्मक और समस्याओं को हल करने में बेहतर बनाता है।

निरपेक्ष प्रेक्षक कैसे बनें:

अपनी मान्यताओं और पूर्वाग्रहों से अवगत रहें: पहला कदम यह है कि आप अपनी मान्यताओं और पूर्वाग्रहों से अवगत रहें। हर किसी के पास अपनी मान्यताएं और पूर्वाग्रह होते हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप उन्हें पहचानें और उन्हें अपनी सोच को प्रभावित न करने दें।
सभी पक्षों को सुनें: किसी भी स्थिति को निष्पक्ष रूप से देखने के लिए, सभी पक्षों को सुनना महत्वपूर्ण है। केवल एक पक्ष की कहानी सुनने से आपको पूरी तस्वीर नहीं मिलेगी।
अपनी भावनाओं को नियंत्रित करें: अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना भी महत्वपूर्ण है। यदि आप भावुक हैं, तो यह आपके लिए स्थिति को निष्पक्ष रूप से देखना मुश्किल होगा।
धैर्य रखें: निष्पक्ष रूप से देखना एक सीखने की प्रक्रिया है। इसमें समय और अभ्यास लगता है। धैर्य रखें और हार न मानें।
निष्कर्ष:
निरपेक्ष प्रेक्षक एक मूल्यवान कौशल है जो आपको जीवन के सभी क्षेत्रों में मदद कर सकता है। यह आपको अधिक सटीक जानकारी प्राप्त करने, बेहतर निर्णय लेने, अधिक खुले विचारों वाला बनने और अधिक रचनात्मक बनने में मदद कर सकता है। यदि आप सच्चाई की खोज में हैं, तो निष्पक्ष रूप से देखना सीखना महत्वपूर्ण है।
 अत्यधिक लगाव(Hindi): नकारात्मक चीजों से अपने आप को अलग करे और वे आपके ऊपर अपना प्रभाव कम कर देंगी।अच्छी बातों से भी अपने आप को अलग करें और आप इससे इनका ओर आनंद ले सकेंगे। वास्तविकता  जो है वो है  आप उसे बदल भी नही सकते। जो आप कर सकते है वह यह है कि अपनी आवश्यकताओं को कम  करें। प्रत्येक दिन को उल्लास पूर्ण बनाये ओर  एकरूपता से बचे।रास्ते मे आने वाली हर बाधा को गले लगाए न कि उनसे डरे ओर न उन पर  निर्भर हो जाये।।अलगाव का अर्थ यह नही है कि  हम अपने संकल्पो से बचे। इसका अर्थ है हम अनावश्यक जुड़ाव से बचे ओर एक विशिष्ट ओर उद्देशय पूर्ण शक्ति के रूप में कार्य करे।: आप लोंगो के,उद्देश्यों व आदर्शों के प्रति समर्पित हो सकते है और उसी समय एक समदर्शी के रूप में अलग भी हो सकते है। ऐसा करके आप अपने कार्य को प्यार से करेंगे न कि आवश्यकता की कमजोरी से अपने आप को अलग कर स्वतंत्र करे ताकि आप जीवन को प्यार ,उद्देश्य व धेर्य के साथ गले लगा सके। अपने अंदर अलगाव महसूस कर आप सकारात्मक व प्रामाणिक रूप से परिस्थितियों से जुड़ सकते  किसी भी परिस्थिति को एक  अलग प्रेक्षक के रूप में देखने से वह स्पष्ट होती जाती है। आपके जो भी कष्ट हो आपके पास ,किसी न किसी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। लेकिन इससे आप कोई महत्व की बात हासिल नही कर पाएंगे। अवश्य ही आपके जीवन मे ऐसे बहुत से कारक  है जो कि आपके जीवन मे बहुत सी घटनाओं  व परिणामो  के लिए जिम्मेदार है लेकिन गुस्से व  असंतोष से भी कुछ हासिल होने वाला नही हैमैं  यहां एक हिंदी फिल्म "मुन्ना भाई  M B B S "का जिक्र करना चाहूंगा एक मरीज को ठीक करने के लिये डॉक्टर उससे अत्यधिक जुड़ाव को गलत मानते है वही एक  छात्र उसका जीवन से जुड़ाव कर उसे ठीक कर देते है। दोनों परिस्थितियों में कहा जा सकता है कि डॉक्टर ने शल्य क्रिया को करने के लिए उसे एक स्वतंत्र प्रेक्षक के रूप में देखा ,वही जीवन  जीने की चाह का पता लगा उसे ठीक किया

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