आज को बेहतर बनाने के लिए क्या किया जा सकता है?कहा जाता है यदि हम आज को सुधार ले तो कल अपने आप सुधर जाता है।यह भी कहा जाता है कि बुरा समय,अच्छे दिनों के बीज बोने के लिए सर्वोत्तम होता है।आजकल यह शिकायत आम है कि लॉक डाउन की वजह से ,काम धंधे पूरी तरह चौपट हो गए है। लेकिन क्या परिस्थितियों के लिए रोते रहने से ,स्थिति सुधर जाएगी। उत्तर शायद सभी का न हो। अगर हम अपनी पूरी छमताओं के मुताबिक कार्य करे ओर सोचे तो तय मानिए,इसके नतीजे हमे ही अचंभित कर देंगे। सही भी है दस हजार गुजरे हुए कल एक आज की बराबरी नही कर सकते हर दिन ,हर पल को अदभुत रूप प्रदान करने,अपने उद्देश्यों को हासिल करने की छमताओं में अटूट विश्वास होना चाहिए। चुनोतियाँ ओर बाधाएं तो आती रहेगी। लेकिन आप उन्हें अपने फायदे में बदल सकते है।उन्हें आगे बढ़ने के मौके के रूप में देखे। सवाल करे कि इनसे आपको क्या हासिल होगा। इससे आपको मजबूती ओर ताकत मिलेगी।
मेने देखा है, महामारी के इन दिनों में कई दुकानदारों द्वारा अपने परिश्रम के बल पर अपनी दुकान को ऑनलाइन दुकान में बदल लिया। पहले वे सिर्फ अपनी गलियों में बेचा करते थे ,वे आज पूरी दुनिया को अपनी सामग्री बेच रहे है। एक कक्षा में पढ़ाने वाला शिक्षक, अब पूरी दुनिया के विद्यार्थियों को पढ़ा रहा हैविवेकानंद कहते है"यदि तुम कभी किसी चीज से भयभीत हो तो ,उससे भागों मत,पलटो ओर सामना करो।