यदि आप जीवन मे सफ़ल होना चाहते है तो आपको शिक्षा, समर्पण और प्रतिबद्धता के महत्व को समझना होगा, ओर उसे अपने जीवन मे उतारना होगा।: समर्पण एक तरह से जुनून होता है। आप जब तक परिश्रम करते है,जब तक कि आप अपने लक्ष्य को प्राप्त नही कर लेते है
समर्पण एक तरह की प्रतिबद्धता भी है। इसका अर्थ यह है कि आप अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध होते है। यह सपना समाज के लिए कुछ बहुत अच्छा करने का भी हो सकता है। समर्पण आपकी ऊर्जा बचाते हुए आपको इस संघर्ष में प्रफुल्लित बनाये रखता है। यदि आप धीरज खो रहे है और जटिलताओं से नही निपट पा रहे ,कोशिश करे कि आप लक्ष्य के प्रति समर्पित रहे। समर्पण आपको मानसिक मजबूती प्रदान कर, आपको दर्द भुलाने में कारगर होगा।
हम कैसे समर्पित बनेंगे?समर्पित बनने का कोई सुपरिभाषित फार्मूला नही है। यह एक तरह से स्वयं को जानना है।आप अपने लक्ष्य को प्यार करे और उसके बारे में इतनी समझ विकसित करें कि आप उसके प्रति समर्पित हो जाये,जब आप अपने आप से वादा करे के की यह सपना कितनी भी कठिनाइयों के बाद भी आप पूरा करेंगे। यह आपको अपने लक्ष्यों व सपनो को पूरा करने और उनका पीछा करने में सहायक होगा। समर्पण जीवन मे कई बातों को सरल करने में सहायक होगा।यह आपको एकाग्र चित्त बनाये रखेगा। समर्पण आपको कई अवरोधों व बुरी बातों को पार करने में सहायक होगा।इन अवरोधों को पार करने में आप सतत शिक्षा व सीखने का सहारा लेते है तो यह सफर आपके लिये आसान होता जाएगा।
आप इस बात का ध्यान भी रखे कि उपलब्धि के प्रत्येक चरण में, आप स्वयं को पुरस्कृत करे, ओर इससे प्राप्त सकारात्मक ऊर्जा को ,अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में लगाए। जब आप इसे लगातार करते रहेंगे तो यह इकच्छाशक्ति आपके अंदर समय के साथ साथ समर्पण का एक शक्तिशाली तत्व उत्पन्न कर पाएंगे। सफलता को बुनते समय अब आप एक समर्पण रूपी एक शक्तिशाली अस्त्र प्राप्त कर चुके है। अपने सपनों की कार्ययोजना बनाने में कोई कमजोर हो सकता है , लेकिन इससे आप अपने अंदर एक कार्य संस्कृति विकसित कर सकेंगे , जो कि सफलता के फार्मूला प्राप्त करने में आपकी मदद करेगा।समर्पण एक गुण है। जीवन मे सफल होने के लिए इस गुण को आपको सीखना होगा। समर्पित होने का अर्थ है अपने जीवन के उद्देश्य के प्रति ईमानदार व गंभीर होना है। और इसे आप शिक्षा, समर्पण, ओर प्रतिबद्धता से प्राप्त कर सकते है