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आंतरिक दौलत(HINDI) Internal wealth

: अंदरूनी दौलत :आपके चारों तरफ इतनी दौलत है कि आप उसे समेट भी नही सकते।सिर्फ आपको अपने मन की आंखे खोलकर देखने की जरूरत है। आपके अंदर कुबेर(दौलत के भगवान) का खजाना मौजूद है। आपके अंदर सोने की खदान है। वैभवपूर्ण, आनन्द पूर्ण और भरपूर जीवन जीने के लिए,आप यहाँ  से हर चीज ले सकते है।  संकल्पित व्यक्ति जब यह संकल्प प्राप्त कर लेता हैं कि उसे अमुक वस्तु प्राप्त करनी है तो उस वस्तु को प्राप्त करने से उसे कोई नही रोक सकता।: आप संकल्प ले कि  जो कार्य आपको सौंपा गया है उससे भागेंगे नही। भले ही वह कार्य आपको अप्रिय ओर नीरस लगे। जल्द ही आप अनुशासन से इस पर फतह हासिल कर लेंगे। जो चीजे आपको परेशान कर रही थी,वही आसान लगने लगेगी। आपके लिए बड़े लक्ष्य को पाना सम्भव हो जाएगा। आपका आत्मविश्वास आसमान छूने लगेगा
: आप अपने काम मे पूरे मनोयोग से ध्यान केंद्रित करें। सूर्य किरणों को केंद्रित करने पर ही अग्नि पैदा होती है। आपकी प्रतिभा भगवान का दिया उपहार है,आप इसका क्या करते है,यह भगवान को दिया गया आपका उपहार होगा।अपने अंदर छुपी असीम संभावनाओं को पहचाने,जीवन की चुनोतियो को स्वीकार करे,ताकि आप विजय के हर्ष का आनंद महसूस कर सके।
: भाग्य कुछ नही है,जो कुछ भी है वह प्रयत्न, उद्योग और पुरुषार्थ ही है। भाग्य अवसर का अनुचर है। पुरुषार्थ करने से ही मनुष्य को सफलता प्राप्त होती है
 आप मे हुनर है तो पूरी दुनियां आपके लिए दरवाजे खोल देगी।  अपनी आत्मा की शक्तियों से कौशल का विकास करे ओर यही अंदरुनी दोलत है जिसे पहचानने की जरूरत है

“Politics and International Relations: Key Theories, Global Issues, and Modern Perspectives”

Table of Contents Preface Purpose of the Book Scope and Relevance in Today’s World About the Author  Part I: Foundations of Politics and Int...