हमारा शरीर,जो की हमारा बाहय वस्त्र है,सामान्यतः आलोचना, पूर्वाग्रह, ओर नकारने का हमारे लिए या दुसरों के लिएआधार बन जाता है,जिस तरह से यह हमारी जीवन भर सेवा करता है वह पूरी तरह कृतज्ञता प्रकट करने योग्य है। हमारा पूरा ध्यान खुश और स्वस्थ रहने में होना चाहिए न कि लंबा, दुबला या गोरा दिखने में।
विशेषकरजब हम दूसरे के शरीर के बारे में प्रशंसा करते है,तब हमें अपने शरीर के प्रति विचार व शब्दों के बारे में जागरूक रहना चाहिए।जो हमारा शरीर है उसे जागरूक रह कर प्रशंसा की ऊर्जा परिवर्तित कर भेजते रहना चाहिये। जब हम दूसरों के शरीर को देखना बंद कर देते है,तो हमारे शरीर के प्रति प्यार व सम्मान उपजना आसान हो जाता है।
लोगो के शरीर,उनका कैसे दिखना,कपड़ों, भोजन,व जीवनशैली पर जरूरत से ज्यादा ध्यान न दे।हमे इस बात के लिए अत्यधिक समय देने की आवश्यकता है कि हमारा शरीर स्वच्छ रहे, सुविधाजनक कपड़े पहने,उसे पर्याप्त भोजन मिले, पर्याप्त व्यायाम करें ,साथ ही पर्याप्त आराम मिले।इस बात पर ध्यान दे कि हमारे शरीर पर कौन सी वस्तु है और उसके चारो तरफ क्या है,सूर्य का प्रकाश,कंप्यूटर व फोन का प्रकाश ,चश्मा/ लेंस, ईयरफोन, साबुन ,सौन्दर्य सामग्री, जेवरात ओर अनगिनत सामग्री। यदि इसमें कोई नकारात्मक वस्तु है तो उसका मूल्यांकन करे और जो स्वस्थ्य है उसी का उपभोग करे हमारा विश्वास है कि हमारी खुशी ,हमारा शरीर कैसा दिखता है , पर निर्भर करती है। कमर कभी कभी युही कह देना कि में जैसा दिखता हु ,उससे में खुश नही हु, इससेहमारे शरीर व मस्तिष्क को शक्तिशाली नकारात्मक ऊर्जा जाती है
सच्चाई यह है कि आप जैसा दिखते है,उससे आप खुश नही होते। लेकिन आपकी प्रसन्नता निश्चित रूप से आपको अच्छा दिखाती है।लोग जो आपके चारों तरफ है आपके शरीर की आलोचना कर सकते है लेकिन आप अपने शरीर को निंदित न करे ,न उसे नकारे। मैं मोटा हूँ..... मैं काला हूँ.... मैं कमजोर हूँ,इस तरह के शब्द आपको नकारते ओर हानि पहुचाते है।: अपने शरीर का ध्यान रखे, उसे तंदुरुस्त रखे लेकिन प्यार व प्रशंसा की ऊर्जा के साथ। कुछ समय के लिए अपने मन को शांत करें और अपने शरीर की प्रशंसा कर उसे धन्यवाद दे। हर सुबह यह सकारात्मक कथन दोहराये," मैं स्वस्थ्य हू, निरोगी हू ओर स्वस्थ रहूंगा"।