स्वंय को जाने

 स्वयं को जाने:आप किसी के बारे में सबकुछ नही जान सकते वैसे  ही स्वयं के बारे में भी हम बहुत कम जानते है। जब किसी के बारे में हम पूर्वाग्रह बनाते तब हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए। यह मानना आसान है कि दूसरे के विचार व अभिप्रेरणा आप जानते है।जबकि आप स्वंय के विचार व अभिप्रेरणा ही अच्छे  तरीके से नही जानते है।जिस व्यक्ति से आप  जब भी मिलते है वह अपने साथ अपनी भावना  व अनुभव लिए हुए है जिसके बारे में आपको कोई जानकारी नहीं है। यह बहुत बड़ा कारण  की हम प्रत्येक बातचीत में सम्मान व दयालुता का ध्यान रखें ओर बातचीत की उत्कृष्टता पर बिना किसी त्रुटि के ध्यान दे। आप ऐसे किसी विचार पर ध्यान दे जब आपने किसी को न्याय देने की प्रार्थना ब्रह्मांड से की हो।इसके स्थान पर उसे एक मधुर मुस्कान दे,एक समझपूर्ण हदय से व मदद करने के दृष्टिकोण से बात करे।किसी पर दोषारोपण कर हम  किसी तरह का लंबे समय का प्रभाव नही छोड़ सकते लेकिन आप एक दीर्घजीवी मित्रता बना सकते है सिर्फ उनके रास्ते मे थोड़ी सी  सम्मान  व दयालुता की भावनाओं  को  दे देने से।आप के पास दुनिया को बदलने  की शक्ति है वह भी  अपने रोजमर्रा की बातचीत में परिवर्तन ला कर। दूसरों की मदद करने की आदत बनाये।इस दुनिया को इस शक्तिशाली मंत्र की आवश्यकता है आप इसे दोहरा कर ओर मजबूत बना सकते है। आप इस बात को दोहरा कर सफल नही बन सकते कि दुनिया बहुत  अन्यायपूर्ण है।अवश्य ही दुनिया मे बहुत कुछ अन्यायपूर्ण है लेकिन इसको बहाना बना कर आप कही नही पहुंच सकते आपका सबसे अच्छा प्रतिउतर होगा कि आप उनके  ऊपर , उनके अंदर ,उनके चारों तरफ उनके द्वारा कार्य करे।इस तथ्य को स्वीकार करके की जीवन बहुत  अन्यायपूर्ण है और किसी भी तरह जबरदस्त सफलता को अनुभव करे अन्याय से लड़ना प्रशंसनीय है।लेकिन कई बार उसके लड़ने से यह ओर मजबूत बनता जाता है और हमारे व्यवहार में परिवर्तन लाता है। अतः अधिकांश समय छमा का गुण अपनाए। अन्याय से लडने का एक तरीका यह भी है कि  उसे असंगत बना दिया जाए: जब आप अपने लिए ओर दुसरों के लिये सफलता के तरीकों का निर्माण करते है आपके लिए सफलता के द्वार खुलते जाते है  विपरीत परिस्थितियों के बाबजूद,आप इन परिस्थितियों को शक्तिहीन बना पाएंगे।। यह दुनिया अन्याय व असमानताओं से  भरी पड़ी है लेकिन ऐसे बहुत सारे   व्यवहारिक व रचनात्मक तरीके है जिनसे इन नकारात्मक परिस्थितियों से ऊपर उठा जा सकता है

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