दिनचर्या (हिंदी)

 दिनचर्या :जब भी आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में कदम रखे ,कुछ सकारात्मक विचार अपने मस्तिष्क को दे, जो कि आपके दृष्टिकोण व व्यवहार में परिवर्तन ला: हम सभी जानते है कि पवित्रता हमारी आत्मा के मूल संस्कार (गुण) है और पवित्रता वही होती है जहाँ शांति, आनंद ,प्यार और शक्ति हमारी आत्मा में होती है। यह वह जगह होती है जहां गुस्से की भावनाओं व विचारों के साथ घमंड, ईर्ष्या, घृणा, भूत ओर भविष्य के बारे में बहुत अधिक सोच का कोई स्थान नही होता।कई बार यह पूर्णतया दूसरो के बारे सोचता रहता है कि वह क्या कर रहे है,क्या सोचते है जो कि कभी कभी पूर्णतया अनावश्यक होता है।हमे अपने मस्तिष्क को  भूतकाल व भविष्यकाल में भटकने से रोककर ,वर्तमान के सकारात्मक कार्यों पर केंद्रित करना होगा जब  भी हम अपनी दैनिक दिनचर्या आरम्भ करे तो यह महत्वपूर्ण है कि हम कुछ सकारात्मक बातों का अध्ययन करें जो कि  बचे दिन में हमारे मस्तिष्क  को सकारात्मक कार्यों में लगाये रहे। बुद्धिमत्ता की इन बातों को पढ़ने से ,आध्यात्मिक ज्ञान से, या अपने मन को शक्तिशाली बनाने के कुछ  प्रायोगिक बिंदुओ से, सुबह सुबह पड़ने सेआप अपने आप को तरोताजा व मानसिक रूप से शक्तिशाली महसुस  करेंगेयदि हम दूसरे तरीके से ,यदि अपने दिमाग को खाली रखते है तो हम अपने कार्यस्थल पर, अपने परिवार में नकारात्मक बातों से, व नकारात्मक लोगों से प्रभावित हो जाएंग: दिन भर होने वाले उतार चढ़ाव का हम पर असर होने लगेगा,ओर दिन  अनुपयोगी सिद्ध होगओर वही सकारात्मक ज्ञान से शक्तिशाली मन,संतोष व  उर्जा से भरा होगा और अपने परिवेश के प्रति बार बार शिकायतों से भरा नही रहेगा। हिंदुओ का ग्रंथ गीता  ईश्वर की वाणी में कहता है कि मुझे ऐसा भक्त प्रिय है जो सुख में, दुख में,गर्मी ठंड, वर्षा में  सम,या अविचलित रहता हम जानते है कि भोजन,आराम,,ओर  शारिरिक अभ्यास स्वस्थ शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसी समान अपने आप को एक  अंतरात्मा  जो कि ईश्वर का अंश है,अपने मन की आँखों से देखने पर हमें पर्याप्त शक्ति और ऊर्जा देता है और सकारात्मकता हमारे लिए एक अभ्यास बन जाता है।अपने विचारों की शक्ति से व दृश्यांकन से  आपकी आत्मा को शक्ति मिलेगी । सकारात्मक विचार एक तरीके से आत्मा के भोजन है

No comments:

Post a Comment

thank you

“Politics and International Relations: Key Theories, Global Issues, and Modern Perspectives”

Table of Contents Preface Purpose of the Book Scope and Relevance in Today’s World About the Author  Part I: Foundations of Politics and Int...