खुशी का मंत्र (Hindi) Happiness Mantra

 खुशी के मंत्र:बेबजह खुश रहे तो आधी  दुनिया को  खुशी बाटी जा सकती है।  हमने अधिकतर लोगों को यह कहते सुना है "मुझे वह मिल जाएगा तो मैं खुश हो जाऊँगा"। तब हम अस्थायी व शर्तों के अनुरूप खुशी तलाशते है।,खुश रहने के लिए  वक़्त तय करते  है।जबकि ऊपर वाले ने खुशी हमारे मूल स्वभाव में दी है। जो लोग अपनी खुशी को  बेवजह ओर बेवक्त नही  जोड़ पाएंगे, वे बेहिसाब दुखी होंगे !खुशी का मूलमंत्र है कि हमारे अलावा न तो हमे कोई   दुःखी कर सकता  है ओर न ही खुश रख सकता है। सुख दुख ,खुशी गम लिया ओर दिया जा सकता है, यह दुनिया का ऐसा धोखा है जो सब एक दूसरे को दे  रहे हैं। अब तो लगता है, जो कम दुखी है,वही सबसे ज्यादा सुखी है। दुनिया में खाली  ख़ुशी किसी को नही मिल सकती। अपनी खुशी को आनंद से जोड़ना पड़ेगा, तब जाकर उसका सही स्वाद आ सकेगा। खाली खुशी  हासिल करने  की कोशिश करेंगे तो जिंदगी बीत जाएगी मिलेगा कुछ भी नही। इसलिए अपनी ख़ुशी को अपने भीतर के आनंद से जोड़िये। यह बात अच्छे से समझ ले कि जब तक हम वासनाओं से जुड़े है,तब तक हम न पूरे खुश रह सकते है न पूरे दुखी। जैसे ही वासना को नियंत्रित करते है,हम जान जाते है कि हमारी खुशी हमारे पास ही है।  दूसरों से मिली ख़ुशी उधार की अधूरी ओर अस्थायी  होती है
 खुशियों को प्राप्त करने के लिए वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करे। आपने देखा होगा खेलते समय बच्चे कितने खुश होते है ,क्योंकि उनका ध्यान वर्तमान  पर केंद्रित होता है। अपना आज  सुधारे , कल अपने आप सुधर जाएगा

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