प्रकृति का वरदान विद्यार्थियों के लिए

इन्हें भी जाने....
(1) ऑस्ट्रेलिया में हुए एक शोध में पता चला है कि प्रकृति के बीच वक्त बिताने वाले छात्रों की नजरें कमजोर होने का खतरा कम हो जाता है
(2)एक जापानी अध्ययन से पता चला है कि जिन महिलाओं ने 2 दिन की अवधि में 6 घंटे जंगल में बिताए उनमे वाइट ब्लड सेल्स की मात्रा बढ़ गई. यह सेल्स वायरस से लड़ने में सहायक होते हैं.
(3)मेसचिंगन यूनिवर्सिटी के एक शोध में प्रकृति के बीच वक़्त बिताने वाले छात्रों ने शहरी माहौल में पढ़ाई करने वालों की तुलना में परीक्षा में 20 परसेंट बेहतर अंक पाए.
(4)इंग्लैंड में हुए एक अध्ययन के अनुसार प्रकृति के बीच केवल 15 मिनट बताने से मानसिक परेशान व्यक्ति को खुशी मिलती है
(5)फिनलैंड में हुए एक अध्ययन के अनुसार प्रकृति के बीच केवल 15 मिनट बताने से मानसिक परेशान व्यक्ति को खुशी मिलती है
(6)हावर्ड हेल्थ मैगजीन मैं प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार प्रकृति के संपर्क में रहने पर घाव जल्दी भरते हैं
(7)साइकोलॉजिकल साइंस मैगजीन की रिपोर्ट के अनुसार पेड़ पौधों और पहाड़ों के बीच वक्त मिटाने से मस्तिष्क को रोजमर्रा के अनावश्यक एक्साइटमेंट से आराम मिलता है अगर आप काम के तनाव से ब्रेक लेकर प्रकृति के बीच जाएं तो एकाग्रता पाने में मदद मिलती है कार्यक्षमता बढ़ती है
(8)इंग्लैंड की एसेक्स यूनिवर्सिटी के एक शोध के अनुसार प्रकृति के बीच 1 सप्ताह के लिए आप कहीं भी रहने के लिए चले जाएं, चाहे वह आसपास का हिल स्टेशन ही क्यों ना हो इससे लंबे समय से जारी तनाव कम हो जाता है घर के बाहर खुले में वक्त बिताने से हार्ट रेट नियंत्रित होता है
(9) यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन यूसीएल और इंपीरियल कॉलेज द्वारा स्टडी की गई जिसमें स्टडी के प्रमुख लेखक और पीसीएल में प्रोफेसर केट जोंन्स के मुताबिक नतीजों से स्पष्ट होता है कि पेड़ पौधों और पशु पक्षियों के द्वारा मिलने वाला ऑडियो विजुअल एक्स्पोज़र मनोवैज्ञानिक तौर पर फायदा पहुंचाता है शोधकर्ताओं का मानना है कि ग्रीन स्पेस मे वाक ओर शारीरिक गतिविधियां करने से ेइंड़ार्पहीन खुशी से जुड़ा हारमोंस रिलीज होता है इससे मूड सुधरता है चिंता व तनाव में कमी आती है प्राकृतिक वातावरण घूमने और समय बिताने से मानसिक सेहत पर सकारात्मक असर पड़ता है-डॉ वाय. पी सिंह (शोध कर्ता व अंवेशक)

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