एकता (हिंदी)

 एकता:लोगो मे एकता  उनमे समरसता, प्रेम और अपनत्व की भावना का  विकास करती है। जहाँ तक कि बहुत कठिन व काली गहरी रात के समान परिस्थितियाँ भी एकता से लडाई लड़ने पर  जीती जा सकती है।परिस्थितियों से अकेले लड़ने का प्रयास कई बार हार में  परिणित होता है, एक  अकेले व्यक्ति के सामने खतरे ओर नुकसान की  आशंका होती है और  रुकावट का हल निकालना  कठिन  होता जाता है।और हाँ, जब हम समूह में कार्य कर रहे होते है ,तब हमें शक्ति प्राप्त होती है। एक ऐसी शक्ति जो कठिन से कठिन परिस्थितियों को भी जीत में बदल देती है किसी भी समस्या को स्वीकार करना और हल करना सरल होता जाता है यदि हम उनके लिए एकता से प्रयास करते है। समूह में काम  करने से न केवल हम जीतते  है बल्कि   एक चैंपियन बन जाते है: मेरा देश भारत इसका एक जीता जागता उदाहरण है। यहां पर विभिन्न समाज,विभिन्न जातियां, विभिन्न धर्म के लोग रहते है लेकिन वे भारत के नाम पर एक है। मेने भारत पाकिस्तान युद्ध, भारत चीन युद्ध के दौरान देखा है कि किस तरह भारत के लोगों ने एकता का प्रदर्शन किया। महिलाओं द्वारा अपने जेवर तक देश को दान कर दिए गए। आज भी कोई सैनिक यदि शहीद होता है तो लाखों की संख्या में उसके अंतिम संस्कार में  शामिल होते है। आपसी भेदभाव का परिणाम भी हमने देखा कि किस तरह राजाओं को  लड़ाकर, वे हम पर शासन करते रहे। कमजोर राजा ,अकेले बहुत समय तक  बाहरी ताकतो के आगे टिक नही पाया।और वही कई शासकों ने एकता की वजह से युद्ध जीते। अब हमें आवश्यकता है कि हम विश्व मे एकता स्थापित करे।  भारतीय संस्कृति का संदेश की पूरा विश्व हमारा परिवार है, को दुनिया मे फैलाएं।न जाने कितनी वैश्विक समस्याएं जैसे कि कोरोना महामारी, पर्यावरण असुंतलन ,परमाणु युद्ध, आतंकवाद,से हम विश्व के  लोग निपट सकते है: यही वैश्विक एकता लोगो मे समरसता, सफलता व संतोष की भावना फैलाएगी। हमने यह कहावत तो अवश्य सुनी है "एकता ही शक्ति है"। इस कहावत का उपयोग विश्व मे ऐसे संगठन को मजबूत करने में करे जो विश्व कल्याण का कार्य कर रहे है। यह समय है जब हम एकता की शक्ति को समझे जिससे कि हम ओर अधिक आंनद दायक  ओर लाभदायक जीवन जी सके।: "एकता ही शक्ति है"  कहावत से कूछ ज्यादा है जो  कि  मानव इतिहास ओर उसके  विकास से भी  जुड़ी है

2 comments:

thank you

Skills for the Future: Empowering Success in a Changing World

                                                   *Preface* The world of work is transforming at a pace never before witnessed....